हो के दरिया

हो के दरिया भी मैं कुछ देर को प्यासा हो जाऊं | ऐसे खो जाऊं खिलोनों में कि बच्चा हो जाऊं ||   Ho ke dariya bhi mai kuch derr ko pyasa ho jaun Aise kho jaun khilauno me ki baccha ho jaun…   ہو کے دریا بھی میں کچھ در کو پیاسا ہو جون ایسے کھو جون کھلونو مے...

तूने दुनिया की हवस

तूने दुनिया की हवस दिल में बसा रखी है | तेरे ईमान से बढ़कर तेरी दौलत क्या है || जिस्म का हुस्न तेरी रूह तलक है ‘साहिल’ ये निकल जाये तो मिटटी की ईमारत क्या है ||   Tune duniya ki hawas dil me’n basa rakhi hai Tere Eimaan se badhkar teri daulat kya...

सदक़े का ये असर

सदक़े का ये असर हुआ कि हादसे के वक़्त | वो साथ मेरे आ गया दीवार की तरह || Sadqe ka ye asar hua ki haadse ke waqt Woh sath mere aa gaya deewaar ki tarah….   صدقے کا یہ اثر ہوا کی حادثے کے وقت وہ ساتھ میرے آ گیا دیوار کی طرح ...

धूप से मुझको

धूप से मुझको शिकायत तो नहीं है साहिल | मेरे हिस्से में मगर थोड़े से साए रखना ||   Dhoop se mujhko shikayat to nahi’n hai lekin Mere hisse me’n magar thode se saye rakhna….   دھوپ سے مجھکو شکایت تو نہیں ہے ساحل  میرے حصّے میں مگر تھوڈے...

वो क्या समझेगा

वो क्या समझेगा दरिया की रवानी | जो ‘साहिल’ तक अभी पहुंचा नहीं है || Woh kya samjhega dariya ki rawani Jo ‘Sahil’ tak abhi pahu’ncha nahi’n hai.. وو کیا سمجھیگا دریا کی روانی جو ‘ساحل’ تک ابھی پہنچا نہیں ہے...

पीछे मुड़के

पीछे मुड़के वो देखता ही नहीं | जिसको आगे क़दम बढ़ाना है || Peeche mudke wo dekhta hi nahi, Jisko aage qadam badhana hai… ،پیچھے مڈکے وو دیکھتا ہی نہیں …جسکو آگے قدم بڑھانا...