तूने दुनिया की हवस

तूने दुनिया की हवस दिल में बसा रखी है | तेरे ईमान से बढ़कर तेरी दौलत क्या है || जिस्म का हुस्न तेरी रूह तलक है ‘साहिल’ ये निकल जाये तो मिटटी की ईमारत क्या है ||   Tune duniya ki hawas dil me’n basa rakhi hai Tere Eimaan se badhkar teri daulat kya...

सदक़े का ये असर

सदक़े का ये असर हुआ कि हादसे के वक़्त | वो साथ मेरे आ गया दीवार की तरह || Sadqe ka ye asar hua ki haadse ke waqt Woh sath mere aa gaya deewaar ki tarah….   صدقے کا یہ اثر ہوا کی حادثے کے وقت وہ ساتھ میرے آ گیا دیوار کی طرح ...

धूप से मुझको

धूप से मुझको शिकायत तो नहीं है साहिल | मेरे हिस्से में मगर थोड़े से साए रखना ||   Dhoop se mujhko shikayat to nahi’n hai lekin Mere hisse me’n magar thode se saye rakhna….   دھوپ سے مجھکو شکایت تو نہیں ہے ساحل  میرے حصّے میں مگر تھوڈے...